***<<<<<<<<<<<बेटी त्याग की मूरत है तो बेटा संघर्ष की सूरत है.....
कैसे कहूँ महान किसी एक को, घर के आँगन को दोनों की जरूरत है>>>>>>>***
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**बेटी है एक त्याग की सूरत और ममता की मूरत
सस्कारों की जान है तो घर की भी तो शान है बेटी**
**बेटी है प्रेम का आधार और खुशियों का संसार
शीतल सी एक हवा है तो सब रोगों की दवा का मर्ज़ है बेटी**
**बेटी है मात-पिता की शान और ममता का सम्मान
तुलसी है आँगन की तो पूजा की थाली भी है बेटी**
**बेटी है सृष्टि की शक्ति और भक्ति का तेज
विश्वास, श्रद्धा है तो जीवन की एक आस भी है बेटी**